Bank Rule : आरबीआई ने बदल दिए बैंक के नियम, नहीं डूबेगा अब ग्राहकों का पैसा

Bank Rule : भारतीय बैंकिंग क्षेत्र लगातार विकास और परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा हाल ही में कई महत्वपूर्ण नियमों में बदलाव किए गए हैं, जिनका सीधा असर आम ग्राहकों पर पड़ेगा। इन नियमों का उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली को अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और ग्राहक-हितैषी बनाना है। इस विस्तृत लेख में हम आपको इन नए नियमों के बारे में जानकारी देंगे, जिससे आप अपनी वित्तीय गतिविधियों को बेहतर ढंग से प्रबंधित कर सकें।

डिजिटल बैंकिंग के नए नियम

1. यूपीआई लेनदेन की सीमा में बदलाव

यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) भारत में डिजिटल भुगतान का सबसे लोकप्रिय माध्यम बन चुका है। RBI ने यूपीआई लेनदेन की सीमाओं में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं:

  • अस्पताल और शिक्षा क्षेत्र के लिए उच्च सीमा: अस्पतालों और शैक्षिक संस्थानों के लिए यूपीआई लेनदेन की सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है।
  • दैनिक लेनदेन की संख्या: किसी भी यूपीआई एप्लिकेशन पर एक दिन में अधिकतम 20 लेनदेन किए जा सकते हैं।
  • आवर्ती भुगतान की सुविधा: अब यूपीआई के जरिए आवर्ती भुगतान (recurring payments) की सुविधा भी उपलब्ध है, जिससे बिजली बिल, मोबाइल बिल जैसे नियमित भुगतान स्वचालित रूप से हो सकेंगे।

2. नेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग के नियम

डिजिटल बैंकिंग को सुरक्षित बनाने के लिए कई नए नियम लागू किए गए हैं:

  • दो-स्तरीय प्रमाणीकरण अनिवार्य: सभी उच्च मूल्य के लेनदेन के लिए दो-स्तरीय प्रमाणीकरण (टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन) अनिवार्य कर दिया गया है।
  • लॉगिन सुरक्षा: लगातार तीन बार गलत पासवर्ड या पिन डालने पर खाता 24 घंटे के लिए ब्लॉक हो जाएगा।
  • लेनदेन अलर्ट: सभी लेनदेन के लिए SMS और ईमेल अलर्ट भेजना अनिवार्य किया गया है।
  • वर्चुअल कीबोर्ड: संवेदनशील जानकारी दर्ज करते समय वर्चुअल कीबोर्ड का उपयोग अनिवार्य किया गया है ताकि कीलॉगिंग जैसे साइबर हमलों से बचा जा सके।

खाता संचालन के नए नियम

1. मिनिमम बैलेंस और शुल्क

बैंक खातों के संचालन से जुड़े नियमों में भी बदलाव किए गए हैं:

  • न्यूनतम शेष राशि में छूट: वरिष्ठ नागरिकों, छात्रों और पेंशनभोगियों के लिए न्यूनतम शेष राशि में छूट दी गई है।
  • शुल्क में पारदर्शिता: बैंकों को अपने सभी शुल्कों को स्पष्ट रूप से अपनी वेबसाइट और शाखाओं में प्रदर्शित करना अनिवार्य किया गया है।
  • बचत खाते के शुल्क: बचत खाते से अधिकतम निकासी की संख्या प्रति माह 10 तक सीमित की गई है, इसके बाद प्रति लेनदेन शुल्क लगेगा।
  • डोरमेंट खाते: दो वर्ष तक निष्क्रिय रहने वाले खातों को डोरमेंट (निष्क्रिय) घोषित किया जाएगा, जिन्हें सक्रिय करने के लिए केवाईसी दस्तावेज फिर से जमा करने होंगे।

2. चेक बुक और डेबिट कार्ड से संबंधित नियम

चेक और डेबिट कार्ड के उपयोग से संबंधित नए नियम:

  • पॉजिटिव पे सिस्टम: 50,000 रुपये से अधिक के चेक के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम शुरू किया गया है, जिसमें चेक जारी करने वाले को पहले बैंक को चेक विवरण की जानकारी देनी होगी।
  • डेबिट कार्ड वैधता: नए डेबिट कार्ड अब 10 वर्ष तक वैध रहेंगे, जबकि पहले यह अवधि 5 वर्ष थी।
  • कॉन्टैक्टलेस पेमेंट की सीमा: बिना पिन के कॉन्टैक्टलेस भुगतान की सीमा 5,000 रुपये तक बढ़ा दी गई है।
  • इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन: अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के लिए डेबिट कार्ड को विशेष रूप से सक्रिय करना होगा, डिफॉल्ट रूप से यह सुविधा बंद रहेगी।

ऋण और क्रेडिट कार्ड के नियम

1. होम लोन और पर्सनल लोन

ऋण लेने वाले ग्राहकों के लिए नए नियम:

  • RLLR आधारित ब्याज दर: सभी नए रिटेल लोन अब रिपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) से जुड़े होंगे, जिससे रिपो रेट में परिवर्तन का लाभ सीधे ग्राहकों को मिलेगा।
  • फोरक्लोजर शुल्क: फ्लोटिंग रेट वाले होम लोन पर कोई फोरक्लोजर (पूर्व भुगतान) शुल्क नहीं लगेगा।
  • लोन डिफॉल्ट सूचना: ऋण की किस्त के भुगतान में 30 दिन से अधिक की देरी होने पर क्रेडिट ब्यूरो को सूचित किया जाएगा, जिससे क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है।
  • ऋण के दस्तावेज: बैंकों को ऋण की मंजूरी और वितरण के बाद सभी मूल दस्तावेजों की प्रतियां ग्राहकों को 15 दिनों के भीतर देना अनिवार्य होगा।

2. क्रेडिट कार्ड के नए नियम

क्रेडिट कार्ड धारकों के लिए महत्वपूर्ण बदलाव:

  • ऑटो-डेबिट की सहमति: क्रेडिट कार्ड से होने वाले सभी आवर्ती भुगतानों के लिए ग्राहक की स्पष्ट सहमति आवश्यक होगी।
  • अनुपयोगी कार्ड का बंद होना: एक वर्ष तक उपयोग न किए गए क्रेडिट कार्ड स्वचालित रूप से बंद हो जाएंगे।
  • बिल भुगतान का समय: ग्राहकों को बिल भुगतान के लिए कम से कम 3 दिन का समय देना अनिवार्य होगा।
  • अनधिकृत लेनदेन का दायित्व: अनधिकृत लेनदेन की सूचना 7 दिनों के भीतर देने पर ग्राहक का अधिकतम दायित्व 10,000 रुपये तक सीमित होगा।

केवाईसी और खाता सुरक्षा के नियम

1. केवाईसी अपडेशन

ग्राहकों के परिचय संबंधी जानकारी को अद्यतन रखने के लिए नए नियम:

  • नियमित अपडेशन: हर तीन वर्ष में एक बार केवाईसी जानकारी का अपडेशन अनिवार्य किया गया है।
  • वीडियो केवाईसी: अब वीडियो केवाईसी की सुविधा भी उपलब्ध है, जिससे ग्राहकों को बैंक शाखा जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
  • आधार आधारित ई-केवाईसी: आधार कार्ड के आधार पर ऑनलाइन केवाईसी की सुविधा प्रदान की गई है।
  • सेंट्रल केवाईसी रजिस्ट्री: एक बार केवाईसी पूरा होने के बाद इसे सेंट्रल केवाईसी रजिस्ट्री में दर्ज किया जाएगा, जिससे अन्य वित्तीय संस्थानों में खाता खोलने के लिए दोबारा केवाईसी की आवश्यकता नहीं होगी।

2. खाता सुरक्षा के उपाय

ग्राहकों के खातों की सुरक्षा के लिए नए नियम:

  • बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण: बड़े मूल्य के लेनदेन के लिए बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण अनिवार्य किया गया है।
  • खाता फ्रीज की सूचना: खाता फ्रीज करने से पहले बैंकों को ग्राहकों को अग्रिम सूचना देना अनिवार्य होगा।
  • मोबाइल नंबर अपडेशन: सभी ग्राहकों को अपने बैंक खाते से जुड़े मोबाइल नंबर को नियमित रूप से अपडेट करना होगा।
  • फिशिंग से सुरक्षा: बैंकों को ग्राहकों को फिशिंग और अन्य साइबर धोखाधड़ी से बचाव के बारे में नियमित जागरूकता अभियान चलाना अनिवार्य किया गया है।

ग्राहक सेवा और शिकायत निवारण

1. ग्राहक सेवा के नए मानक

बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं के लिए नए मानक निर्धारित किए गए हैं:

  • 24×7 हेल्पलाइन: सभी बैंकों को 24×7 टोल-फ्री हेल्पलाइन सेवा प्रदान करना अनिवार्य किया गया है।
  • वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष सुविधाएं: 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग ग्राहकों के लिए डोरस्टेप बैंकिंग सेवाएं प्रदान करना अनिवार्य किया गया है।
  • डिजिटल बैंकिंग यूनिट: बैंकों को ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में डिजिटल बैंकिंग यूनिट स्थापित करने का निर्देश दिया गया है।
  • सेवा शुल्क का प्रदर्शन: सभी बैंकिंग सेवाओं के शुल्क को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना अनिवार्य किया गया है।

2. शिकायत निवारण प्रणाली

ग्राहकों की शिकायतों के समाधान के लिए नए नियम:

  • तय समय-सीमा: बैंकों को ग्राहकों की शिकायतों का समाधान 30 दिनों के भीतर करना होगा।
  • शिकायत ट्रैकिंग सिस्टम: सभी शिकायतों के लिए यूनिक रेफरेंस नंबर जारी करना और ऑनलाइन ट्रैकिंग की सुविधा प्रदान करना अनिवार्य होगा।
  • आंतरिक लोकपाल: 10 से अधिक शाखाओं वाले बैंकों को आंतरिक लोकपाल नियुक्त करना अनिवार्य होगा।
  • डिजिटल शिकायत प्रणाली: सभी बैंकों को ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की सुविधा प्रदान करनी होगी।

विभिन्न बैंकों द्वारा लागू किए गए विशिष्ट नियम

बैंक का नामनया नियमलागू होने की तिथिप्रभावित ग्राहक वर्ग
स्टेट बैंक ऑफ इंडियान्यूनतम बैलेंस शुल्क में कमी1 जुलाई, 2023सभी बचत खाताधारक
पंजाब नेशनल बैंकचेक बुक शुल्क में वृद्धि15 अगस्त, 2023व्यक्तिगत खाताधारक
HDFC बैंकअंतरराष्ट्रीय डेबिट कार्ड लेनदेन के लिए पूर्व सक्रियकरण1 सितंबर, 2023सभी डेबिट कार्डधारक
ICICI बैंकनकद जमा की सीमा में कमी1 अक्टूबर, 2023व्यापारिक खाताधारक
एक्सिस बैंकक्रेडिट कार्ड रिवॉर्ड पॉइंट्स की वैधता अवधि में कमी1 नवंबर, 2023क्रेडिट कार्डधारक
बैंक ऑफ बड़ौदालॉकर शुल्क में वृद्धि1 दिसंबर, 2023लॉकर धारक
कोटक महिंद्रा बैंकऑनलाइन RTGS/NEFT शुल्क में छूट1 जनवरी, 2024नेट बैंकिंग उपयोगकर्ता

ग्राहकों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव

1. डिजिटल सुरक्षा के लिए सुझाव

डिजिटल बैंकिंग के दौरान सुरक्षित रहने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव:

  • पासवर्ड की सुरक्षा: अपने पासवर्ड को नियमित रूप से बदलें और इसे किसी के साथ साझा न करें।
  • सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग न करें: बैंकिंग लेनदेन के लिए कभी भी सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग न करें।
  • फिशिंग से सावधान रहें: बैंक की ओर से आने वाले संदिग्ध ईमेल या मैसेज पर क्लिक न करें और अपनी गोपनीय जानकारी साझा न करें।
  • एंटीवायरस सॉफ्टवेयर: अपने मोबाइल और कंप्यूटर पर अच्छा एंटीवायरस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें।
  • वन-टाइम पासवर्ड (OTP): किसी के साथ भी अपना OTP साझा न करें, यहां तक कि बैंक के कर्मचारियों के साथ भी नहीं।

2. वित्तीय प्रबंधन के लिए सुझाव

अपने बैंक खातों के बेहतर प्रबंधन के लिए सुझाव:

  • नियमित रूप से खाता विवरण की जांच करें: अपने खाते के विवरण की नियमित रूप से जांच करें ताकि किसी भी अनधिकृत लेनदेन का पता लगा सके।
  • स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन की समीक्षा करें: अपने खाते से होने वाले नियमित भुगतानों की समीक्षा करें और अनावश्यक भुगतानों को रद्द करें।
  • केवाईसी अपडेट रखें: अपनी केवाईसी जानकारी को नियमित रूप से अपडेट करें ताकि खाता फ्रीज होने से बच सकें।
  • मोबाइल नंबर और ईमेल अपडेट करें: अपने बैंक के रिकॉर्ड में मोबाइल नंबर और ईमेल को अद्यतित रखें ताकि सभी अलर्ट और सूचनाएं प्राप्त हो सकें।
  • बैंक की शर्तों और नियमों को पढ़ें: खाता खोलते समय या नए सेवाओं का लाभ उठाते समय बैंक की सभी शर्तों और नियमों को ध्यानपूर्वक पढ़ें।

विशेषज्ञों की राय

वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार, ये नए नियम बैंकिंग क्षेत्र को अधिक पारदर्शी और ग्राहक-केंद्रित बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम हैं:

वित्तीय सलाहकार श्री राजेश शर्मा के अनुसार, “नए नियम डिजिटल बैंकिंग को सुरक्षित बनाने और ग्राहकों के हितों की रक्षा करने में मदद करेंगे। हालांकि, ग्राहकों को भी डिजिटल सुरक्षा के प्रति सतर्क रहना होगा।”

बैंकिंग विशेषज्ञ डॉ. सुनीता गुप्ता का कहना है, “केंद्रीय केवाईसी रजिस्ट्री और वीडियो केवाईसी जैसे नए नियम ग्राहकों के लिए बैंकिंग सेवाओं को अधिक सुलभ बनाएंगे और समय की बचत करेंगे।”

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ अनिल त्रिपाठी बताते हैं, “डिजिटल लेनदेन की बढ़ती संख्या के साथ, नए सुरक्षा नियम अत्यंत आवश्यक हैं। दो-स्तरीय प्रमाणीकरण और बायोमेट्रिक सत्यापन जैसे उपाय साइबर धोखाधड़ी को कम करने में मदद करेंगे।”

Bank Rule निष्कर्ष

भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में लागू किए गए नए नियम ग्राहकों के हितों की रक्षा करने, डिजिटल बैंकिंग को सुरक्षित बनाने और वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से हैं। ये नियम भारत को एक कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

ग्राहकों को इन नए नियमों के बारे में जागरूक रहना चाहिए और अपनी वित्तीय गतिविधियों को इनके अनुसार समायोजित करना चाहिए। डिजिटल सुरक्षा के प्रति सतर्कता और नियमित रूप से अपने खातों की जांच करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

अंत में, बैंकिंग क्षेत्र में तकनीकी विकास के साथ-साथ नियमों में भी निरंतर परिवर्तन होते रहेंगे। इसलिए ग्राहकों को अपने बैंक से मिलने वाली सूचनाओं और समाचार माध्यमों में प्रकाशित होने वाली जानकारियों पर नजर रखनी चाहिए, ताकि वे इन बदलावों से अवगत रह सकें और अपनी वित्तीय योजनाओं को तदनुसार बना सकें।

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